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Wisdom
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अगर आप सफलता का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसके पहले कि आप परिस्थितियों को गढ़ें, सबसे पहले आपको खुद को गढ़ना होगा।
अपने भीतर खुशहाल और आनंदित रहने का सामर्थ्य हम सबके पास है – बस जरुरत है अपने अंदर सही प्रकार का वातावरण बनाने की।
आप नश्वर हैं - अगर आप इस चीज के प्रति हर पल सचेत हैं, सिर्फ तभी आप वाकई जागरूक बन सकते हैं और जीवन के हर पल का आनंद ले सकते हैं
धरती माँ की गोद में हमारा पालन-पोषण हो रहा है। तो स्वाभाविक रूप से, हमारे अंदर उसके लिए आदर भाव होना चाहिए।
चाहे वो खुशी हो या दुःख, दर्द हो या सुख, पीड़ा हो या परमानंद, सब कुछ आपके भीतर से ही घटित होता है।
भौतिक जगत में जो कुछ भी होता है, वह वास्तव में एक तरह की लहर है। अगर आप अच्छे नाविक हैं, तो हर लहर एक संभावना है।
अपने भविष्य की चिंता मत कीजिए। अपने वर्तमान को अच्छे से संभालिए, और आपका भविष्य खिल उठेगा
मेरे लिए, जीवन की अहमियत इसमें नहीं है कि आप क्या करते हैं, बल्कि इसमें है कि आप उसे कैसे करते हैं।
तनाव किसी खास परिस्थिति के कारण नहीं होता - यह आपके द्वारा अपने सिस्टम को न संभाल पाने का एक नतीजा है।
ईर्ष्या और जलन की मूलभूत प्रकृति है: अधूरापन व अपूर्णता की भावना। अगर आप वाकई आनंद में हैं, तो आपको किसी से ईर्ष्या नहीं होगी।
जब परिस्थितियां यह तय नहीं करतीं कि आप कौन हैं, बल्कि आप तय करते हैं कि परिस्थितियां कैसी होनी चाहिए - तो यही सफलता है।
अगर आप चाहें, तो आप इसी पल खुश हो सकते हैं। आपको बस ये चुनाव करना है।